Angel One, Motilal Oswal और IIFL Securities के शेयर मे 10% तक की गिरावट आई
Angel One, Motilal Oswal और IIFL Securities के शेयर मे10% तक की गिरावट आई जानिए गिरावट आने की वजह और यह स्टॉक्स क्यू डाउन हुए।
SEBI द्वारा समान शुल्क लगाने के निर्देश के बाद Angel One, Motilal Oswal और IIFL Securities के शेयर मे10% तक की गिरावट आई, जो बाजार के अवसंरचना संस्थानों के मूल्य को सही करने के लिए सेबी का निर्देश जारी होने के बाद ब्रोकिंग कंपनीयो के शेयर के दाम के गिरावट आई।
भारतीय स्टॉक मार्केट नियामक SEBI की घोषणा के बाद आज यानि की 02.07.2024 इंट्राडे सत्र के टाइम पर ब्रोकिंग कंपनी मे भारी मूल्यों मे गिरावट देखने मे आई।
सोमवार यानि की 1 जुलाई को सेबी ने एक परिपत्र मे कहा था की स्टॉक एक्सचेंग , डिपोसीटरी और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन सहित बाजार मे अवसंरचना के संस्थानों के द्वारा लगाए गए शुल्क को एक जेसे होने चाहिए (मानकीकृत) होने चाहिए और उनको ट्रैडिंग वॉल्यूम के साथ जोड़ना उचित नहीं है।
Angel One, Motilal Oswal और IIFL Securities का जवाब क्या रहा
इसके जवाब मे Angel One, Motilal Oswal और IIFL Securities, 5 पैसा केपिटल और एसएमसी मे हुमको 1.0% से लेकर 10% तक की गिरावट देकहने को मिली और उन्मेसे सबसे ज्यादा गिरावट अगर देकहने मिली हो तो वो है Angel One पर सबसे ज्यादा गिरावट देकहने मिली।
अगर ब्रोकर ने उच्च मात्रा मे बिसनेस करते है तो एक्सचेंग का शुल्क बहुत काम रहता है , जिससे डेरिवेटिव जेसे क्षेत्रों मे उछाल आना जायज है और उछाल आता भी है , इसी प्रोसेस को रोकने के लिए सेबी ने यह निर्णय लिया है
साथ ही एक परिपत्र मे सेबी ने भी इस बात पर जोर दिया है की सार्वजनिक उपयोगिता और प्रथम-स्तरीय नियामकों के रूप मे बाजार अवसंरचना संस्थानों को सभी बाजार प्रतिभागियों को समान रूप से अप्रतिबंधित , निष्पक्ष और पारदर्शी प्रदान करनी चाहिए
यह बात पर सेबी ने भी प्रकाश डाला और कहा की की कुछ MII वर्तमान मे अपनी सेवाओ के लिए वॉल्यूम-आधारित स्लैब-वार चार्जस का उपयोग करते है, जसको सदस्य दैनिक रूप से आखरी ग्राहक को देते है, हालाकी MII इन शुल्कों को सदस्यों से मंथली रूप मे वसूलते है।
इस प्रोसेस से विसंगति भी हो सकती है , जहा आखरी ग्राहकों से वसूले जाने वाले मूल्य को MII को दीये जाने वाले भुगतान से ज्यादा होता है। इसका यह भी परिणाम आ सकता है की संभावित गलत बयानी भी हो सकती है।
यही समस्या को हाल करने के लिए सेबी ने यह निर्णय लिया है और सेबी का एस चाहना है की शुल्क एक समान होने चाहिए जो वॉल्यूम पर आधारित बिलकूल नहीं होने चाहिए। इस वजह से सहभागियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
Mint न्यूज के अनुसार नियामक का भी यह कहना है की MII द्वारा लगाया जाने वाला कोई भी शुल्क अंतिम यानि की आखरी ग्राहक से वसूले जाने वाले शुल्क को सटीक रूप से दर्शाया जा सके। और यदि कोई भी विशिष्ट रूप से MII शुल्क सदस्यों द्वारा आखरी ग्राहक को दिया जाता है तो तो MII को यह भी बताना पड़ेगा और सुनिश्चित करना पड़ेगा की उनको भी सही राशि मिले।
इसके अलावा इसने यह भी कहा है की MII की शुल्क संरचना के लिए बराबर और एकसमान होनी चाहिए , न की कोई भी गतिविधि स्तर या फिर ट्रेडिंग वैल्यू पर आधारित होनी चाहिए
हम MarketTrendZona के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच लें।